वो खुदा सी है...

मेरे खुशी का हर पल, वो किसी पाक सदा सी है
जिसका सजदा मै करना चाहूं, वो उस खुदा सी है
उसको थोड़ा और जान सकू, इस उम्मीद में रहता हूं
भीड में उसे में भी दिख जाऊ, बस ये इरादा रखता हूं
जैसे कोई अंजान किस्सा, वो सबसे जुदा सी है
जिसका सजदा मै करना चाहूं, वो उस खुदा सी है


कुछ अलग है अंदाज़ उसका, कुछ अलग तरीके है
परछाई के भी उसके, हुरो से सलीके है
ना आवाज सुनी, ना जाना उसे, ठीक से देखा भी नहीं
पर कुछ अपनी सी लगती है, मुझ जैसे ही तरीके है
जिसपे दुनिया मर मिट जाए, वो उस प्यारी अदा सी है
जिसका सजदा मै करना चाहूं, वो उस खुदा सी है


बस यही कही है वो, मेरे आसपास ही
मेरी राह भी है, और मेरी तलाश भी
वो तो ये भी नहीं जानती, की कितना सोचता हूं उसे
बस उसे सुनने की ख्वाहिश है, और मिलने की आस भी
कुछ और पल में खुश रह सकूं, वो उस वजाह सी है
जिसका सजदा मै करना चाहूं, वो उस खुदा सी है


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